जी अस टी कौंसिल का बड़ा फैसला। अब 2022 के बाद भी लगेगा कम्पेनसेशन सेस। केंद्र ने पल्ला झाड़ा। लग्जरी और कई अन्य तरह की वस्तुओं पर लगने वाले कम्पेनसेशन सेस
अब 2022 के बाद भी लगेगा कम्पेनसेशन सेस
केंद्र सरकार के अनुसार बताया गया है कि जीएसटी कानून के तहत कंपनसेशन सेस ऐसा कर है जो कि राज्यों का है। केंद्र का इस पर अधिकार नहीं है ऐसे में केंद्र इस कर के एवज में बाजार से उधार नहीं जुटा सकता है। केंद्र सरकार का कहना है कि वह इस कर की गारंटी के बदले कर्ज नहीं ले सकती है।
जीएसटी कंपनसेशन सेस को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच फिर से घमासान होना तय है। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर से मिलने वाला राजस्व असल में राज्यों को दिया जाता है पर अब ऐसे में केन्द्र सरकार इस कर की गारंटी के बदले कर्ज नहीं ले सकती है क्योंकि यह उसका अधिकार नहीं है।
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जीएसटी कानून के तहत कंपनसेशन सेस
केंद्र सरकार के सूत्रों ने बताया कि अब जीएसटी कानून के तहत कंपनसेशन सेस ऐसा कर है जो कि राज्यों का होता है। केंद्र का इस पर अधिकार नहीं होता है ऐसे में केंद्र इस कर के एवज में बाजार से उधार नहीं जुटा सकता है। एक सूत्र ने कहा, ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 292 के मुताबिक केन्द्र सरकार भारत की संचित निधि के तहत अपने संसाधनों और करों की गारंटी पर ही उधार ले सकती है। वह ऐसे कर की गारंटी के एवज में उधार नहीं ले सकती जो उसका नहीं है।’ सूत्रों ने कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर राज्यों को समर्पित संसाधन है और केवल राज्य ही इस उपकर के तहत भविष्य में होने वाली प्राप्ति के बदले बाजार से उधार उठा सकते हैं। यह उपकर आखिरकार राज्यों के संचित कोष में ही जाएगा।
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वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की आज यानी सोमवार को हुई बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक यह तय हुआ है कि लग्जरी और कई अन्य तरह की वस्तुओं पर लगने वाले कम्पेनसेशन सेस को जून 2022 से भी आगे बढ़ाया जाएगा। राज्यों को नुकसान से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
केंद्र ने आश्वासन दिया था कि इस उधारी को चुकाने के लिए लग्जरी और कई अन्य तरह की वस्तुओं पर लगने वाले कम्पेनसेशन सेस को 2022 से भी आगे बढ़ा दिया जाएगा. नियम के मुताबिक यह जीएसटी लागू होने के बाद सिर्फ पांच साल तक लगना था|
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