भारत की Agni-5 मिसाइल: परमाणु बम ले जाने में सक्षम, बीजिंग-पाकिस्तान और पूरा एशिया रेंज में

भारत की Agni-5 मिसाइल: परमाणु बम ले जाने में सक्षम, बीजिंग-पाकिस्तान और पूरा एशिया रेंज में | 27 अक्टूबर, 2021 को ओडिशा के डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप पर, भारत की परमाणु ऊर्जा से चलने वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया गया। इसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है। भारत सरकार की नीति पहले किसी भी हथियार का इस्तेमाल नहीं करने की है। इसका मतलब है कि सैन्य क्षमता और ताकत में सुधार के लिए मौजूदा परीक्षण किया जा रहा है। इस मिसाइल का इस्तेमाल एशियाई शहरों की एक विस्तृत श्रृंखला पर हमला करने के लिए किया जा सकता है। एक इंसान औसतन हर 6 सेकंड में एक बार झपकाता है। यह मिसाइल इस समय करीब 50 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।

कई देशों, खासकर चीन ने कुछ दिन पहले ही अग्नि-5 मिसाइल को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी। वहीं भारत ने सात बार अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। अग्नि-5 मिसाइल की मारक क्षमता पूरे देश में फैली होने से चीन नाराज है। ऐसा कोई शहर नहीं है जो इस मिसाइल हमले का सामना करने में सक्षम हो। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने अग्नि -5 इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (अग्नि-वी आईसीबीएम) (बीडीएल) पर सहयोग किया।

अग्नि-5 इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (अग्नि-वी आईसीबीएम) 50 टन की अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी लंबाई 17.5 मीटर है। इसका व्यास 2 मीटर (6.7 फीट) है। उसके ऊपर 1500 किलो वजन का एक परमाणु हथियार जोड़ा जा सकता है। मिसाइल तीन चरणों वाले ठोस-ईंधन रॉकेट बूस्टर द्वारा संचालित है। यह ध्वनि से 24 गुना की गति से यात्रा करता है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक सेकेंड में 8.16 किलोमीटर का सफर तय करती है। यह 29,401 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से प्रतिद्वंद्वी पर हमला करता है। इसमें रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जीपीएस, NavIC सैटेलाइट गाइडेंस सिस्टम लगा हुआ है |

अग्नि-5 इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (अग्नि-V आईसीबीएम) अपने लक्ष्य पर सटीक निशाना साधती है। किसी कारण से सटीकता में अंतर होने पर भी यह केवल 10 से 80 मीटर होगा। लेकिन यह अंतर मिसाइल की मारक क्षमता को कम नहीं करता है। इसे लॉन्च करने के लिए ग्राउंड-माउंटेड मोबाइल लॉन्चर का इस्तेमाल किया जाता है। इसे ट्रक में लाद कर सड़क मार्ग से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इस मिसाइल के बारे में वैज्ञानिक एम. नटराजन ने पहली बार साल 2007 में योजना बनाई थी।

50 हजार किलोग्राम वजनी यह अग्नि-5 मिसाइल 200 ग्राम नियंत्रण और मार्गदर्शन प्रणाली द्वारा निर्देशित है। यह मिसाइल से ही जुड़ा है। इसे सिस्टम ऑन चिप (एसओसी) ऑन-बोर्ड कंप्यूटर के रूप में जाना जाता है। अग्नि-5 मिसाइल में एमआईआरवी तकनीक यानी कई वारहेड्स पर चर्चा की गई। इस कॉन्फ़िगरेशन में मिसाइल की नाक पर दो से दस हथियार लगाए जा सकते हैं। यानी एक भी मिसाइल सटीक सटीकता के साथ सैकड़ों किलोमीटर में फैले दो से दस अलग-अलग लक्ष्यों को मार सकती है।

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