डॉ मनमोहन सिंह की बड़ी उपलब्धिया ,जिनके लिए हम उनके शुक्रगुज़ार है | डॉ मनमोहन सिंह आर्थिक सुधारों के प्रणेता

डॉ मनमोहन सिंह की बड़ी उपलब्धिया , जिनके लिए हम उनके शुक्रगुज़ार है । भारत के आर्थिक सुधारों के प्रणेता माना गया है। मनमोहन सिंह, वो राजनेता जिसने बदल दी देश की इकोनॉमी की दशा और दिशा

डॉ मनमोहन सिंह आर्थिक सुधारों के प्रणेता– 22 मई 2004 को देश के पहले सिख पीएम बनकर प्रधानमंत्री पद का कार्यभार संभालने वाले डॉक्टर मनमोहन सिंह आर्थिक सुधारों और आर्थिक उदारीकरण के जनक कहे जाते रहे हैं । मनमोहन सिंह ने आर्थिक उदारीकरण को उपचार के रूप में प्रस्तुत किया और भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व बाज़ार के साथ भी जोड़ा। देश की अर्थव्यवस्था में डॉ मनमोहन सिंह का भौत बढ़ा हाथ है। डॉ मनमोहन सिंह के नाम पर भौत उपलब्धिया दर्ज है। और गर्व की बात यह है की उनके नाम दर्ज उपलब्धियां उनके पीएम बनने के बाद की ही नहीं बल्कि उससे पहले की भी हैं। पहले पंजाब यूनिवर्सिटी और बाद में दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकॉनॉमिक्स में प्रोफेसर के पद पर थे। डॉ मनमोहन सिंह आर्थिक सुधारों के प्रणेता थे |

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1971 में मनमोहन सिंह भारत सरकार की कॉमर्स मिनिस्ट्री में आर्थिक सलाहकार के तौर पर शामिल हुए थे। 1972 में मनमोहन सिंह वित्त मंत्रालय में चीफ इकॉनॉमिक अडवाइज़र बन गए। अन्य जिन पदों पर वह रहे, वे हैं– वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष। 1991 में पीएम नरसिम्हा राव की कांग्रेस सरकार में वह वित्त मंत्री थे। यह वह दौर था जब देश दिवालिया होने के कगार पर था।

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डॉ मनमोहन सिंह की कुछ बड़ी उपलब्धिया

  1. देश में आर्थिक सुधारों के अधिनायक रहे- जब हमारे देश का फिस्कल डेफिसिट सकल घरेलू उत्पाद के 8.5 के इर्द गिर्द था। तब मनमोहन सिंह ने महज एक वर्ष के भीतर 5.9 फीसदी के स्तर पर लाने में कामयाबी हासिल कर ली थी। उनकी कोशिशों की वजह से हमारी इकॉनमी विकास की राह पर बढ़ती रही और हमे कभी वापिस पीछे मुड़ के नहीं देखना पड़ा। इन्होंने ही ग्लोबलाइजेशन की शुरूआत भी की थी। 1991 से 1996 के बीच उनके द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों की जो रूपरेखा, नीति और ड्राफ्ट तैयार किया, उसकी दुनिया भर में प्रशंसा की जाती है। भारतीय अर्थव्यवस्था को विश्व बाजार से जोड़ने के बाद उन्होंने आयात और निर्यात के नियम भी सरल किए।
  2. आधार कार्ड योजना- पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के द्वारा बनाई गई आधार कार्ड योजना की पुरे राष्ट्र में तारीफ़ की गई। इसके साथ साथ आधार कार्ड योजना की यूएन ने भी तारीफ की थी। यूएन की और से कहा गया था कि आधार स्कीम भारत की बेहतरीन स्कीम है। यह देश के हर व्यक्ति को पहचान देने और प्राथमिक तौर पर प्रभावशाली जनहित सेवाएं उस तक पहुंचाने के लिए इसे शुरू किया गया था। आजकल पैन नंबर को इससे लिंक करना, आपके मोबाइल नंबर को लिंक करना, बैंक खातों से भी आधार को जोड़ा जाना बेहद जरूरी हो चुका है।
  3. भारत और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर डील- भारत और अमेरिका के बीच हुई न्यूक्लियर डील जैसा बड़ा माइलस्टोन भी डॉ मनमोहन सिंह ने हासिल किया । जब साल 2002 में एनडीए से देश की बागडोर यूपीए के हाथ में जब गई, तब गठबंधन सरकार के तमाम प्रेशर के बीच भारत ने इंडो यूएस न्यूक्लियर डील को अंजाम दे दिया। इस डील के तहत यह सहमति बनी थी कि भारत अपनी इकॉनमी की बेहतरी के लिए सिविलियन न्यूक्लियर एनर्जी पर काम करता रहेगा।
  4. रोजगार गारंटी योजना- डॉ मनमोहन सिंह ने देश में बेरोजगारी हटाने में भी सफलता प्राप्त की। इस रोजगार योजना में साल में 100 दिन का रोजगार और न्यूनतम दैनिक मजदूरी 100 रुपये तय की गई । इसे राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) कहा जाता था, लेकिन 2 अक्टूबर 2009 को इसका फिर से नामकरण किया गया। इस योजना की ख़ास बात यह थी की इस योजना में पुरुष और महिला में कोई भी अंतर् नहीं किआ जायेगा। पुरुष और महिला को सामान्य वेतन दिए जायेगा।
  5. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में ही राइट टु एजुकेशन यानी शिक्षा का अधिकार अस्तित्व में आया। इसके तहत 6 से 14 साल के बच्चे को शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित किया गया। कहा गया कि इस उम्र के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दी ही जाएगी।
  6. उन्होंने रुपये का अवमूल्यन किया, टैक्स कम किये, विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया ।

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